बुधवार, 1 जून 2011

मै तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा

तेरी हर चाप (कदमों) से जलते है ख्यालो में चिराग 
जब भी तू आए जगाता हुआ जादू आए 
तुझको छू लूँ तो ए जाने तमन्ना मुझको 
देर तक अपने बदन से तेरी खुशबु आए 
तुझपे हो जाऊंगा कुर्बान तुझे चाहूँगा 
मै तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा

तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको 
मेरी ये उम्र मोहबत के लिए थोड़ी है
एक जरा सा गमें दोराहा का हक़ है जिसको
मैने वो सासं भी तेरे लिए रख छोड़ी है 
प्यार का बनके निगहबान  तुझे चाहूँगा
मै तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा

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