बुधवार, 1 जून 2011

बरसो रे मेघा बरसो रे


बरसो रे मेघा बरसो रे


आज पहली बारिश हुई लगता है बरसात का मौसम शुरू हो गया है ,पानी की बूंदों ने आज कलकता को सराबोर कर दिया बारिश किसी मौसम की हो मुझे इश्क है बारिश से वो पानी की बूंदों को हाथ में समेटना, झमाझम बारिश में भींगना काफी पसंद है मुझे ये मौसम काफी रोमांटिक होता है ठंडी सिली हवा के झोंके जब तन को छु जाते है तो मन गुदगुदी से भर उठता है 



पेश है एक कविता बारिश पे  

भींग रे मन  तू  झमाझम बारिश में
कर ले थोड़ा प्यार झमाझम बारिश में
भीगें सारी रात झमाझम बारिश में
बारिश में बारिश में यारां बारिश में
कर ले दिलकी बात झमाझम बारिश में

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